मुझे गर्व है ,अपने भारत पर जहाँ, सौ वीरों का जन्म हुआ।
मुझे गर्व है, अपनी भूमि पर जहाँ पापियों का अंत हुआ।
मुझे गर्व है अपने भारत पर ,जहाँ नारियों का सदा सम्मान हुआ।
मुझे गर्व है अपनी भूमि, पर जहाँ स्वतंत्रता का उदय हुआ।
मुझे गर्व है अपने भारत पर, जहाँ सौ वीरों का जन्म हुआ।
मुझे गर्व है अपनी भूमि पर, जहाँ भेदभाव का अंत हुआ।
मुझे गर्व है अपने भारत पर, जहाँ गीता का जन्म हुआ।
मुझे गर्व है अपने देश पर, जहाँ रामायण का उदय हुआ।
मुझे गर्व है अपनी भूमि पर, जहाँ राम सीता का जन्म हुआ।
मुझे गर्व है अपने भारत पर ,जहाँ सौ वीरों का जन्म हुआ।
मुझे गर्व है अपनी भूमि पर ,जहाँ देवताओं ने अवतार लिया।
मुझे गर्व है अपने भारत पर, जहाँ हल्दीघाटी का युद्ध हुआ। जी
मुझे गर्व है अपनी भूमि पर ,जहाँ कलिंग का युद्ध हुआ।
मुझे गर्व है अपने देश पर, जहाँ चारों वेदों को लिखा गया।
मुझे गर्व है अपनी भारत पर, जहाँ सौ वीरों का जन्म हुआ।
अर्नव पंत
कक्षा -४(अ)