मान बांटता हूं,
सम्मान बांटता हूं ,
सच्चा सुंदर टिकाऊ ज्ञान बांटता हूं ,
और मेरी मां ने सिखाया है एक हुनर मुझको ,
अपने शब्दों से बस मुस्कान बांटता हूं।।
प्रारंभ में मैं जब इस मंच पर आ रहा था तो मुझेे अपने एक मित्र की बात याद आई कि वह कुछ समय पहले एक कन्या से प्रेम में पड़ गया परंतु कुछ समय बाद उन दोनों का मिलन ना हो पाया तो उसने मुझे समझाते हुए कुछ तर्क दिए अब सुनिए कि उसने क्या कहा
अखियां लड़ गई,
देख पल्ले पड़ गई,
बात आगे बड़ गई,
दिमाग को चड़ गई,
मेरी जिंदगी में एक कहानी और गड़ गई।
इज़हार किया तो 3-4 जड़ गई।
और महीनों की आशिकी मिनटों में झड़ गई।
एक संस्कारी किसान का बेटा पढ़ने को विदेश चला गया
और वहां उसको एक मॉडर्न गर्ल से प्रेम हो गया पर कुछ दिनों बाद लड़के को लगा कि उसका उस लड़की के साथ कुछ नहीं हो सकता तो इसमें उसे पत्र लिखा कि मैं तुम्हें प्यार नहीं दे पाऊंगा
अब सुनिएगा उसने उस पत्र में क्या लिखा।
ओ कंप्यूटर युग की छोरी,
मन की काली तन की गोरी,
किंच तो अपनी बाहों का गलहार नहीं दे पाऊंगा।
करना मुझको माफ मैं तुमको प्यार नहीं दे पाऊंगा।
ओ कंप्यूटर युग की छोरी ।।
तुम मिनरल वाटर की बोतल,
मैं गंगा सा पावन जल हूं,
तुम करो गाड़ियों की मांगे,
मैं पांव पांव चलने वाला,
तुम हैलोजन सी जलती हो,
मैं दीपक सा जलने वाला,
चमक दमक वाला में तुमको, संसार नहीं दे पाऊंगा,
करना मुझको माफ मैं तुमको प्यार नहीं दे पाऊंगा।
ओ कंप्यूटर युग की छोरी ।।
अब वह लड़की विदेशी होती है तो वहां फैशन शो में जाती है जिसे देखकर लड़का लिखता है की
तुम रैंप पर नृत्य दिखाती हो,
मैं संस्कार को जीता हूं,
जब तुम्हें देख सीटी बजती,
मैं घूट लहू का पीता हूं,
तुम बोतल – बोतल पीती हो,
मैं हूं मट्ठा पीने वाला,
करना मुझको माफ मैं तुमको प्यार नहीं दे पाऊंगा।
ओ कंप्यूटर युग की छोरी ।।
तुम डिस्को की धुन पर नाचो,
मैं राम नाम ही जपता हूं,
तुम डैडी को अब डैड कहो (अंग्रेजी की भी अंग्रेजी)
मोमी को मॉम बताती हो,
तुम करवा चौथ छोड़,
डे वेलेंटाइन मनाती हो,
मैं तुम्हें तुम्हारे सपनों का त्योहार नहीं दे पाऊंगा।
करना मुझको माफ मैं तुमको प्यार नहीं दे पाऊंगा।
ओ कंप्यूटर युग की छोरी ।।
अंतिम चार पंक्तियों की ओर को बढ़ते हुए
तुम मोबाइल के मैसेज सी,
मैं पोस्टकार्ड लिखने वाला,
तुम टेडी बेयर सी लगती,
मैं गुब्बारा उड़ने वाला,
ओ कंप्यूटर युग की छोरी,
मैं तुमको प्यार नहीं दे पाऊंगा ।।
नाम -उज्जवल दुम्का
कक्षा-12