जैव विविधता की जो कड़ी सदियों पहले टूट गई थी उसे 17 सितम्बर को पुनः जोड़ दिया गया । 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय इतिहास में नया पन्ना जोड़ दिया। नामीबिया से आठ -चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान के बाड़े में प्रधानमंत्री द्वारा छोड़ा गया ।
भारतीय वन्य विभाग द्वारा 1952 में देश में चीतों को विलुप्त घोषित किया गया था। जिसका कारण अवैध शिकार माना जाता है। मोदी जी के जन्मदिन पर इन चीतों को भारत लाया गया।
इसके लिए नामीबिया से विशेष बोइंग 747 विमान से कूनो राष्ट्रीय उद्यान तक चीतो को लाने की व्यवस्था की गई । कूनो में 750 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र चीतों के लिए संरक्षित किया गया है।
हालांकि अफ़्रीकी चीते आनुवंशिक रूप से भारतीय चीतों से अलग हैं, परंतु जलवायु में विशेष अंतर नहीं होने के कारण मध्य प्रदेश की जलवायु इन चीतों के लिए उपयुक्त है।
चीतों को भारत लाने का प्रयास इससे पहले भी किया गया था किंतु कुछ कारणों से सफलता प्राप्त नहीं हो पाई। इस बार प्रधानमंत्री ने आशा जताई है कि चीतों को पुनः भारत लाने का उद्देश्य सफल रहेगा, इस कार्यक्रम पर ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि देश में वन्य जीवों के संरक्षण के प्रयासों को एक नई ताकत मिलेगी।
उन्होंने चीतों के भारत आगमन पर ताली बजाकर उनका स्वागत किया तथा नामीबिया सरकार को धन्यवाद व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि चीते इस क्षेत्र में नए हैं उन्हें देखने के लिए अभी धैर्य रखना होगा।
आलेख कृत
दिव्या दुम्का
कक्षा – 9