“प्लास्टिक को हटाना है, पर्यावरण को सुरक्षित बनाना है।”
आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण के लिए संकट बन गया है । आने वाले समय में स्थिति और भी अधिक भयावह होने वाली है। इस समय हम सभी प्लास्टिक पर निर्भर हो गए हैं। मगर हम ध्यान दें तो हमें पता चलता है कि हम सुबह से लेकर रात सोने तक किसी ना किसी रूप में हम प्लास्टिक का उपयोग करते हैं। हम प्लास्टिक को एक वरदान समझते हैं लेकिन प्लास्टिक हमारे लिए सुविधा नहीं बल्कि एक जहरीला जहर है। प्लास्टिक के उपयोग भारत ही नहीं पूरे विश्व में लगातार बढ़ता जा रहा है। प्लास्टिक को सबसे जहरीला और ना खत्म होने वाला माना जाता है ।यह ना गलता है, ना ही समाप्त होता है।शोधकर्ताओं के अनुसार इसको पूरी तरह से समाप्त होने में 500 से 1,000 साल का समय लगता है। । प्लास्टिक मानव सहित जीव-जन्तुओं, पशु-पक्षियों सभी के लिए हानिकारक है।
पर्यावरण पर बढ़ते प्लास्टिक के खतरे को कम करने हेतु सरकार के साथ साथ हम सबको भी व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने चाहिए ।तभी इस समस्या का समाधान सम्भव हो पायेगा। सरकार को चाहिए कि प्लास्टिक पर रोक लगाएं और टेलीविजन आदि माध्यम से जनता में जानारूकता फैलायें।
प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिए पूरे विश्व को मिलकर एक होना पड़ेगा और प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना होगा। तभी हम अपने पर्यावरण को बचा पाएंगे। निष्कर्षत:अगर हम अभी भी नहीं जागे तो पूरे विश्व के लिए अगली चुनौती होगी प्लास्टिक के कचरे के ढेर और विषाक्त वायु से भरा पर्यावरण।
आलेख कृत -भव्य सिंह
कक्षा-८