‘शं नो वरूण:’ आदर्श वाक्य से विभूषित भारतीय नौसेना, भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि 400 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं की अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। भारत की समुद्री सेना सीमा बहुत विशाल है इस विशाल जलसूत्र की सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना अडिग खड़ी है। देश की सुरक्षा एवं रक्षा करने वाले भारतीय नौसेना के योगदान और कार्यों को सम्मानित करने के लिए ही हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। देश के जल क्षेत्र एवं तटीय क्षेत्रों पर बाहरी सुरक्षा का दायित्व नेवी पर होता हैं। अपने इतिहास के उदाहरणों से भारतीय नौसेना ने न केवल भारत के गौरव को बढ़ाया हैं, बल्कि जन -जन में सुरक्षा व विश्वास के भाव को जन्म दिया है।
4 दिसम्बर को हर साल इंडियन नेवी डे अर्थात भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता हैं. यह नेवी के स्वर्णिम इतिहास की महत्वपूर्ण तिथि थी,जब बांग्लादेश निर्माण युद्ध 1971 में भारतीय नौसेना ने 4 दिसम्बर के दिन ऑपरेशन ट्राईडेंट आरम्भ किया था। इस सैन्य अभियान ने पाकिस्तान के कराची शहर के नौसेना ठिकानों एवं सैन्य सामग्री को ध्वस्त कर युद्ध को निर्णायक भूमिका में ला दिया था। 3 दिसम्बर की रात पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के कई एयरपोर्ट पर बमबारी की, पाकिस्तान के इस कृत्य पर जवाबी कार्यवाही का बीड़ा भारतीय नौसेना ने उठाया।
4 दिसम्बर की रात को यह अभियान चलाया गया. पाकिस्तानी नेवी के पास उस समय रात में समुद्री जंग लड़ने का कोई हथियार नहीं था, अतः नौ सेना ने कराची मुख्यालय को अपना केंद्र चुना, जिसमें पाकिस्तानी नेवी के अधिकतर जहाज और ऑयल के टैंकर तबाह हो गये थे।कराची हर्बल ऑयल भंडार पर किया गया आक्रमण इतना प्रबल था कि पाकिस्तानी नौसेना ने हार स्वीकार कर ली। इस युद्ध में भारतीय सेना की उपलब्धियों को स्वीकार करने के लिए मई 1972 में वरिष्ठ नौसेना अधिकारी सम्मेलन में 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया ,इससे पहले हमारे देश की नौ सेना 15 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाती थी।
67 हजार सशस्त्र सैनिक बल, आईएन एस विक्रांत जैसे युद्ध पोतों, मिसाइलों से लेस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौ सेना हैं। हाल ही के वर्षों में नौसेना का तेजी से आधुनिकरण हुआ है. कई आधुनिक हथियारों, तकनीक, युद्ध पोत के बेड़े नेवी में सम्मिलित किये। अपने अथक प्रयासों से नौसेना भारत को सुपर पॉवर बनाने में अपनी भूमिकाओं का निर्वहन कर रही हैं। तीनों भारतीय सेनाओं का अध्यक्ष राष्ट्रपति होता हैं. नौसेना के प्रमुख अथवा अध्यक्ष को एडमिरल कहा जाता हैं. वर्तमान में आर हरि कुमार इस पद पर हैं।सर्वप्रथम भारतीय नेवी की स्थापना 1613 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा इंडियन मरीन के रूप में की गई। वर्ष 1658 में इसका नाम बदलकर बम्बई मरीन कर दिया। 1934 में पारित भारतीय नौसेना अनुशासन अधिनियम के तहत इसका नाम रॉयल इंडियन नेवी रखा गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात इसका नाम बदलकर भारतीय नौसेना रख दिया गया।
आलेखकृत
भावेश जोशी
कक्षा 7 (अ)