नभः स्पृशं दीप्तम् आदर्श वाक्य से विभूषित भारतीय वायुसेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। भारतीय वायु सेना की स्थापना1932 में ब्रिटिश साम्राज्य के द्वारा की गई थी उस समय भारतीय वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जाना जाता था। भारतीय वायु सेना दुनिया में चौथी सबसे अच्छी वायुसेना मानी जाती है। 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस मनाया जाता है और यह दिन भारतीय वायुसेना द्वारा निष्पादित विभिन्न कार्यों के दौरान अपनी जान गवाने वाले भारतीय वायुसेना के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देता है। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य ‘नभः स्पृशःदीप्तम्’ है जिसका अर्थ है गर्व के साथ आकाश को छूना और भारतीय सेना अस्तित्व में आने के बाद अब तक इसी ध्येय वाक्य के मार्ग पर चल रही है। यह वाक्य भगवत गीता के 11 अध्याय से लिया गया है जो श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पूरे भारत में 60 से अधिक हवाई स्टेशन है इन्हें 7 कमान में बांटा गया है इसका सबसे बड़ा एयरवेस स्टेशन हिंडन, उत्तर प्रदेश में है। 8 अक्टूबर 1930 को भारतीय वायुसेना अस्तित्व में आई और 1 अप्रैल 1954 को वायु सेना के संस्थापक सदस्यों में से एक एयर मार्शल मुखर्जी ने पहले भारतीय सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला। एयर मार्शल पद्मा बंधोपाध्याय भारतीय वायुसेना में एयर मार्शल के पद पर पदोन्नत होने वाली पहली महिला थी। 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना 90 साल पूरे कर चुकी है इसके वर्तमान सीएसएस विवेक राम चौधरी हैं ।भारतीय वायुसेना में लगभग 1400 से अधिक विमान और लगभग 1,70000 कर्मचारी कार्यरत हैं। भारतीय वायुसेना ने अनेक ऑपरेशन सफलतापूर्वक निष्पादित किए हैं जैसे ऑपरेशन विजय ,ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस आदि ।भारत -चीन युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जब भी देश में कोई प्राकृतिक आपदा आये या फिर कहीं कोई विदेशी आक्रमण का खतरा हो भारतीय वायु सेना, सदैव देश तथा देशवासियों के लिए तत्पर रहती है।
आलेख कृत
प्रज्ञा मनराल